1. धनुषाकार: चाकू पकड़ने की सबसे आम विधि, गति की सीमा व्यापक और लचीली होती है, और बल पूरे ऊपरी अंग, मुख्यतः कलाई में, का उपयोग करता है। लंबे त्वचा के चीरों और रेक्टस एब्डोमिनिस के अग्र आवरण के चीरों के लिए।
2. पेन प्रकार: नरम बल, लचीला और सटीक संचालन, चाकू की गति को नियंत्रित करना आसान, इसकी क्रिया और शक्ति मुख्य रूप से उंगली पर होती है। छोटे चीरों और बारीक सर्जरी के लिए, जैसे रक्त वाहिकाओं, नसों और पेरिटोनियम के चीरे को काटना।
3. पकड़: पूरे हाथ से हैंडल को पकड़ें, और अंगूठे और तर्जनी को हैंडल के किनारे पर दबाएँ। यह विधि अधिक स्थिर है। ऑपरेशन का मुख्य क्रिया बिंदु कंधे का जोड़ है। इसका उपयोग काटने, चौड़े ऊतक और मजबूत बल वाले चीरों, जैसे कि विच्छेदन, कण्डरा चीरा और लंबी त्वचा चीरा लगाने के लिए किया जाता है।
4. एंटी-पिक: यह पेन प्रकार का एक रूपांतरण है, जिसमें गहरे ऊतकों को नुकसान से बचाने के लिए ब्लेड को ऊपर की ओर उठाया जाता है। ऑपरेशन में पहले छेद करें, फिर उंगली को उंगली पर घुमाएँ। इसका उपयोग फोड़ा, रक्त वाहिका, श्वासनली, सामान्य पित्त नली या मूत्रवाहिनी जैसे अंगों को काटने, क्लैंप के ऊतकों को काटने या त्वचा के चीरे को बड़ा करने के लिए किया जाता है।
5. उंगली से दबाव: भारी बल का प्रयोग करें, तर्जनी उंगली हैंडल के अगले सिरे को दबाती है, और दूसरा आधा भाग हाथ में छिपा रहता है। यह विधि थोड़ी अनम्य है। मुख्य रूप से उन त्वचा के ऊतकों के लिए उपयुक्त है जिन्हें काटना मुश्किल होता है।
पोस्ट करने का समय: 19-सितम्बर-2018
